मध्यप्रदेश में रैंप (रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस) योजना के तहत पारंपरिक उत्पादों के जीआईI टैगिंग हेतु राज्य स्तरीय परामर्श बैठक आयोजित
मध्यप्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाना है उद्देश्य
मध्य प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के उपाध्यक्ष राज्य परामर्श एजेंसी, मध्य प्रदेश लघु एवं मध्यम उद्योग निगम द्वारा विश्व बैंक (रेजिंग एंड एक्सेल्रेटिंग एएमएसएमई इंटरनेशनल) योजना के तहत जीआई टैगिंग के लिए राज्य सांख्यिकी सलाहकार समिति का गठन किया गया है। इस बैठक का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट शोधकर्ताओं की पहचान कर उन्हें दिल से टैग करना आवश्यक है, जिसमें आवश्यक चिकित्सीय सहायता स्थापित करना था, ताकि इन उद्योगों को कानूनी संरक्षण मिल सके,

राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तक पहुंच हो, और ब्रांडिंग के बारे में व्यापक पहचान मिल सके। इसके अंतर्गत कृषि, हस्तशिल्प, वनोपज, वस्त्र एवं खाद्य संघ जैसे क्षेत्र में पारंपरिक लोगों की टैगिंग के साथ-साथ पंजीकरण प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विचारधाराओं का संकलन करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही गठबंधन के माध्यम से एक साझा कार्य योजना बनाई गई है, जिसके तहत आगामी वर्ष 20 में दस्तावेजों की जीआई फाइलिंग की जाएगी। लघु उद्योग की कोशिश है कि आदर्श को वन उत्पाद नीति से बाजार मिले और ब्रांडिंग के अवसर मिले। इस राज्य की अनुमोदित बैठक में जीआई टैगिंग विशेषज्ञ एवं ह्यूमन डेमोक्रेसी एसोसिएशन, वाराणसी के कार्यकारी निदेशक डॉ. इस बैठक में वन विभाग, सिडबी, मत्स्य कल्याण विभाग, किसान एवं कृषि विभाग, हस्तशिल्प एवं हथकरघा संचालनालय, शीला नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, प्रमाणन जाति विकास विभाग, मध्य लघु वनोपज संघ, एसोसिएटेड विभाग, रेशम संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इन सभी वस्तुओं ने अपने-अपने क्षेत्र की विशिष्ट कलाकृतियों की सूची साझा की है, जो कि पंजीकरण के योग्य हैं। इस अवसर पर मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम और मैरीन डेमोक्रेसी एसोसिएशन, वाराणसी के बीच एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते में लगभग 20 पारंपरिक आदर्शों के टैगिंग विस्तार, तकनीकी सहायता, प्रयोग, आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है।